ॐ जय पीपा स्वामी, गुरु जय पीपा स्वामी |
गागरोन नृप धरमी, भक्त भये नामी || टेर ||
ब्रह्मज्ञान दीक्षा दी, रामानन्द स्वामी |
राजपाट त्यागन कर, हो गए निष्कामी || ॐ जय.
पहुंचे दारिका पूरी, संग सीता दासी |
सिंधु माही समाये, दर्शन अभिलाषी || ॐ जय.
दर्शन पाये प्रभु के, जग मे यश जारी |
छाप कृष्ण की जब से, जानत संसारी || ॐ जय.
हिंसक शेर मिला एक, कंटक बन माही |
देखत तेज तपस्या, गिरा चरण माही || ॐ जय.
पा उपदेश अहिंसा, सब जन हितकारी |
चहूदिशी जय जैकारा, गावात नरनारी || ॐ जय.
नीशदिन ध्यान धरे जो, वांछित फल पावे |
दुख दरिद्र मिट जावे, नवनिधि घर आवे || ॐ जय.
तुम हो दिन दयाला, भक्तन प्रतिपाला |
हम सब शरण तिहारी, मेटो भाव जाला || ॐ जय.
पीपा स्वामी की आरती, जो कोई नर गावे |
प्रेम भक्ति पावे, भवजल तीर जावे || ॐ जय.
ॐ जय पीपा स्वामी, गुरु जय पीपा स्वामी |
गागरोन नृप धरमी, भक्त भये नामी
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